चर्चा में क्यों?
हाल ही में 18वां भारतीय प्रवासी दिवस मनाया गया है, यह हर साल 09 जनवरी को मनाया जाता है. इस साल की थीम, ‘विकसित भारत के लिए प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है. इसका उद्देश्य विदेशों में रह रहे भारतीयों के भारत के विकास में योगदान को याद किया जाता है।
महत्वपूर्ण जानकारी
- हर वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।
- यह दिन महात्मा गांधी की भारत वापसी का प्रतीक के रूप में जाना जाता है
- इस वर्ष की थीम “विकसित भारत में प्रवासियों का योगदान”
- यह विदेश मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है।
भारतीय प्रवासी दिवस
भारतीय प्रवासी दिवस को अनिवासी भारतीय (एनआरआई) दिवस के रूप में भी जाना जाता है।, इसे मानाने का उद्देश्य भारत के विकाश में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान और उनके उपलब्धियों के लिए प्रमुख कार्यक्रम है। यह 1915 में महात्मा गाँधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के याद में मनाया जाता है।
सर्वप्रथम इसे वर्ष 2003 में मनाया गया था, वर्ष 2003 से 2015 तक यह एक वार्षिक कार्यक्रम था, लेकिन सरकार ने 2015 में इसे संसोधित कर इसे 2 वर्ष में 1 बार मनाए का निर्णय लिया।
प्रवासी भारतीय कौन हैं?
जो भारत में 182 दिनों से ज्यादा समय से भारत से बाहर रह रहा हो और अंतिम 4 वर्षों में 365 दिन से काम भारत में रहने वाले व्यक्ति भी एनआरआई की श्रेणी में आते हैं।
भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO):
एक विदेशी नागरिक (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, ईरान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के नागरिकों को छोड़कर)। एक विदेशी नागरिक जिसके माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी भारत में पैदा हुए और स्थायी रूप रूप से यहीं रहते थे। ऐसे व्यक्ति को भारत का मूल निवासी माना जाता है। \
ओवरसीज सिटीजन ऑफ़ इंडिया (ओसीआई):
पात्रता मानदंड:
- 26.01.1950 को भारत का नागरिक बनने के लिए पात्र विदेशी नागरिक।
- वह व्यक्ति जो 26.01.1950 के बाद किसी भी समय भारत का नागरिक था।
- वह व्यक्ति जो 15.08.1947 के बाद भारत का हिस्सा बने किसी क्षेत्र से संबंधित है।
- ऐसे व्यक्तियों के नाबालिग बच्चे भी पात्र हैं।
- ऐसे आवेदक जो पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिक हैं या थे, वे ओसीआई के लिए पात्र नहीं हैं।